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प्रकृति के लिए विचार प्रारम्भ करना किसान संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य : मोहन नागर

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– बैतूल में हुआ कृषक उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन

बैतूल, 24 मई . मप्र जन अभियान परिषद और भारत भारती शिक्षा समिति के संयुक्‍त तत्‍वावधान में मूंग की वैकल्पिक फसलों को उपजाने के लिए कृषकों को प्रेरित-प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से शनिवार को भारत भारती परिसर बैतूल में एक दिवसीय कृषक सम्‍मेलन सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसके उद्घाटन सत्र में मां भारती के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मप्र जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा मोहन नागर, सुजीत शर्मा, मप्र जन अभियान परिषद शासी निकाय सदस्य बुधपाल ठाकुर, अनिल अग्रवाल, मप्र जन अभियान परिषद कार्यपालक निदेशक डॉ बकुल लाड उपस्थित रहे.

कार्यशाला में चयनित कृषकों को मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्‍यक्ष मोहन नागर ने बताया कि मिट्टी सुपोषण, मानव स्वास्थ्य और स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कृषक समुदाय की सहभागिता महत्वपूर्ण होगी. ऋतु अनुसार हमारा शरीर हैं, उसी अनुसार हम कृषि करते है. प्रकृति के लिए विचार प्रारम्भ करना संगोष्ठी का उद्देश्य हैं. उन्होंने कहा कि मूंग को रसायन मुक्त खेती करने के लिए पशु संपदा, गो माता पालन को पुनः करना होगा. अपने बाड़े में पशुपालन पुनः शुरू करे, जिससे हमें रासायनिक मुक्त मूंग की कृषि को सहारा मिले.

कार्यपालक निदेशक डॉ.बकुल लाड ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल-अच्छे मानव स्वास्थ्य के लिए रसायन मुक्त मूंग उत्पादन एवं मूंग फसल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जागरूकता आवश्यक है. अत्यधिक रसायन का कृषि में उपयोग से जैव विविधता, कृषि भूमि, जल, पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है. इस कारण जैविक एवं प्राकृतिक कृषि की और बढ़ना हमारी आवश्यकता हो रही है.

मूंग की फसल में सहायक मित्र कीट एवं शत्रु कीट की बताई पहचान

कृषि विज्ञान केन्‍द्र के वैज्ञानिक से डॉ विजय वर्मा ने भी मूंग उत्पादक किसानों को सम्बोधित कर बताया कि जल,जलवायु, जमीन, जानवर,जंगल पर हमारी कृषि निर्भर हैं, इनके असंतुलन से जमीन की सेहत बिगड़ गई हैं. जमीन के लिए गोबर अमृत हैं, जिसका वर्तमान में उपयोग न करने से धरती की सेहत बिगड़ गई हैं. कृषि विज्ञान केन्‍द्र नर्मदापुरम कीट वैज्ञानिक ब्रजेश शर्मा ने भी मूंग की फसल में सहायक मित्र कीट एवं शत्रु कीट की पहचान बताई. किसान कल्याण तथा कृषि विभाग उपसंचालक डॉ आनंद कुमार बड़ोनिया ने भी इस किसान उन्मुखीकरण कार्यशाला में किसानों को मूंग में रसायन के दुष्प्रभाव जैसे कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं अतः मूंग को रसायन मुक्त उगाने या उसके विकल्प के रूप में लगाने पर प्रोत्साहित किया.

किसानों ने जैविक खेती को भी देखा

कार्यशाला के दौरान सभी कृषकों ने भारत-भारती परिसर में हो रही जैविक खेती को भी देखा एवं समझा. कार्यशाला के अंत मे सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए. बैतूल, नर्मदापुरम और हरदा के कृषकों, कृषि वैज्ञानिक सहित 100 लोगों ने सहभागिता की. मप्र जन अभियान परिषद से संभाग प्रभारी सैयद जाफरी, जिला समन्वयक हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल के जिला एवं विकासखण्ड समन्वयकों ने भी सहभागिता की.

तोमर

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