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पहाड़ों के बीच राजस्थान के खजुराहों के नाम से प्रसिद्ध है ये रहस्यमयी मंदिर, जानें इसके बारे में

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राजस्थान की धरती पर जहां एक ओर राजसी किले और महल हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसी अद्भुत ऐतिहासिक धरोहरें भी हैं जो रहस्य, वास्तुकला और संस्कृति से ओत-प्रोत हैं। इन्हीं अनछुए रत्नों में से एक है – किराडू मंदिर। यह मंदिर परिसर राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है और अपनी अद्भुत स्थापत्य शैली, ऐतिहासिक महत्व और रहस्यमयी कहानियों के कारण प्रसिद्ध है।

स्थान और इतिहास

किराडू मंदिर बाड़मेर जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूर थार रेगिस्तान की गोद में स्थित है। यह मंदिर समूह 11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान परमार राजवंश के शासनकाल में निर्मित हुआ माना जाता है। यहाँ पर कुल 5 मंदिरों का समूह है, जिनमें से सोमेश्वर मंदिर सबसे भव्य और संरक्षित है। यह क्षेत्र कभी एक समृद्ध नगर हुआ करता था, जिसे “किराटकूप” कहा जाता था। उस समय यह स्थान सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। आज यह केवल खंडहरों और रहस्यों का स्थल बनकर रह गया है।

वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण

किराडू मंदिर की वास्तुकला देखकर कोई भी दंग रह सकता है। यह मंदिर नागर शैली में निर्मित है, जिसमें बारीक नक्काशीदार स्तंभ, जालीदार खिड़कियाँ और मूर्तियों से सजी दीवारें देखने को मिलती हैं। यहाँ की मूर्तियाँ देवी-देवताओं, apsaras (अप्सराओं), योद्धाओं और अन्य पौराणिक पात्रों को दर्शाती हैं। सोमेश्वर मंदिर विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है, और इसका शिखर, मंडप तथा गर्भगृह आज भी स्थापत्य के उच्चतम स्तर को प्रदर्शित करते हैं।

किराडू का रहस्य

किराडू मंदिर अपने रहस्यमयी किस्सों के लिए भी जाना जाता है। स्थानीय जनश्रुति के अनुसार, यह स्थान सूर्यास्त के बाद शापित माना जाता है। मान्यता है कि एक समय इस क्षेत्र में एक संत अपने शिष्यों के साथ निवास कर रहे थे। जब संत कहीं बाहर गए, तो गाँववालों ने उनके एक शिष्य की देखभाल नहीं की, जिससे संत क्रोधित हो गए और उन्होंने गाँव को शाप दे दिया कि सूर्यास्त के बाद जो भी यहाँ रुकेगा, वह पत्थर का बन जाएगा। इस कारण आज भी स्थानीय लोग सूर्यास्त के बाद इस क्षेत्र में नहीं जाते। यही रहस्य इसे और अधिक आकर्षक और रहस्यमयी बना देता है।

पर्यटन की दृष्टि से

हालाँकि यह स्थान अभी उतना व्यावसायिक रूप से विकसित नहीं हुआ है, लेकिन इतिहास, पुरातत्व और रहस्यों में रुचि रखने वालों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं। सरकार और पुरातत्व विभाग द्वारा कुछ संरक्षण कार्य किए गए हैं, लेकिन इसे और प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

किराडू मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि इतिहास, कला, संस्कृति और रहस्य का एक अद्वितीय संगम है। इसकी स्थापत्य कला विश्व स्तरीय है और इसकी कहानियाँ आज भी लोगों को रोमांचित कर देती हैं। यदि आप राजस्थान की छुपी हुई धरोहरों की खोज में हैं, तो किराडू मंदिर अवश्य आपकी सूची में होना चाहिए।

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