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Kashmir LOC: पहलगाम हमले के बाद चरम पर भारत-पाकिस्तान तनाव, जानें LOC बनने की कहानी

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Kashmir LOC: पहलगाम हमले के बाद चरम पर भारत-पाकिस्तान तनाव, जानें LOC बनने की कहानी

News India Live, Digital Desk: Kashmir LOC: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर चरम पर है। पाकिस्तान लगातार धमकियां दे रहा है, हालांकि इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान कभी भी भारत के खिलाफ किसी युद्ध में सफल नहीं रहा। पाकिस्तान का कश्मीर को लेकर जुनूनी रवैया आजादी के तुरंत बाद से ही सामने आ गया था। इसी जुनून में पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था और इसी दौरान नियंत्रण रेखा (LoC) अस्तित्व में आई थी। आइए जानते हैं कि उस समय भारतीय सेना ने पाकिस्तान को किस तरह सबक सिखाया था।

1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के साथ ही जम्मू-कश्मीर विवाद शुरू हुआ था। उस वक्त जम्मू-कश्मीर के हिंदू शासक महाराजा हरि सिंह ने तटस्थ रहने का निर्णय लिया। इसी मौके का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने कबायलियों के वेश में अपने सैनिक और जनजातीय लड़ाकों के जरिए अक्टूबर 1947 में कश्मीर पर हमला बोल दिया।

श्रीनगर के खतरे में आते ही महाराजा हरि सिंह ने भारत से सैन्य मदद मांगी और 26 अक्टूबर 1947 को विलय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। भारत ने तत्काल प्रतिक्रिया करते हुए 27 अक्टूबर 1947 को सेना को श्रीनगर भेजा। शुरुआत में पाकिस्तान हमलावर श्रीनगर के करीब पहुंच चुके थे, लेकिन भारतीय सेना ने जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण कर लिया। पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया गया और कई इलाकों से उन्हें खदेड़ दिया गया।

युद्धविराम और नियंत्रण रेखा (LoC) का गठन

जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान को पीछे धकेला, तो मामला संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचा। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद 1 जनवरी 1949 को युद्धविराम हुआ और नियंत्रण रेखा (LoC) बनी। LoC ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया—एक हिस्सा भारत के नियंत्रण में रहा और दूसरा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। संयुक्त राष्ट्र ने इसे अस्थायी समाधान बताते हुए जनमत संग्रह की बात कही थी, लेकिन यह आज तक संभव नहीं हुआ।

भारत और पाकिस्तान के प्रशासन में अंतर

नियंत्रण रेखा बनने के बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम रखी। वहीं, पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में लोकतंत्र स्थापित करने का कोई प्रयास नहीं किया। आज भी दोनों देशों के बीच तनाव का प्रमुख कारण यही नियंत्रण रेखा है।

 

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