News India Live, Digital Desk: मौसम विभाग ने के पहाड़ी इलाकों में तेज हवाएं, आंधी और बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि मैदानी इलाकों में छिटपुट बारिश होगी। हेमकुंड साहिब और केदारनाथ सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और भारी बारिश हुई, जिससे क्षेत्र में ठंडक पहुंच गई।
पहाड़ी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। तूफान की चेतावनी में 50 किमी/घंटा तक की हवा की गति शामिल है, जो यात्रा और बाहरी गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
इस बीच, देहरादून और आसपास के इलाकों में भी बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश होगी। चार धाम क्षेत्र में हल्की बारिश हुई और केदारनाथ धाम में शाम को बारिश हुई, जिससे हवा में ठंड बढ़ गई।
ऊंची चोटियों पर बर्फबारीरविवार को हेमकुंड साहिब और आस-पास के इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य में वृद्धि हुई, लेकिन तीर्थयात्रियों के लिए चुनौतियां भी खड़ी हो गईं। केदारनाथ में बारिश ने तापमान को और कम कर दिया है, जिससे पर्यटकों के लिए मौसम ठंडा हो गया है।
मानसून पूर्व प्रभाव एवं आगामी पूर्वानुमानमौसम विभाग का मानना है कि मौजूदा मौसम पैटर्न का कारण प्री-मानसून गतिविधि है, जो 6 जून तक जारी रहने की उम्मीद है। इस अवधि के बाद, तापमान फिर से बढ़ेगा, जिससे 10 जून के आसपास मानसून आने से पहले और भी ज़्यादा गर्मी होगी। मानसून के आने के बाद, उत्तराखंड में व्यापक बारिश, गरज और बिजली गिरने की संभावना है, जिसका असर पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों पर पड़ेगा। अधिकारियों ने निवासियों और यात्रियों को विशेष रूप से तूफान-प्रवण क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी है। चार धाम यात्रा मार्ग पर बारिश और गरज के साथ बारिश की उम्मीद है, इसलिए तीर्थयात्रियों को भी तीर्थयात्रा के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
सावधानियाँ एवं सलाहनिवासियों और पर्यटकों को मौसम संबंधी अलर्ट के बारे में अपडेट रहने की सलाह दी जाती है, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बारिश और बर्फबारी से यात्रा मार्ग प्रभावित हो सकते हैं। आंधी-तूफान के लिए पीला अलर्ट तेज हवाओं का संकेत देता है, इसलिए बाहरी गतिविधियों और परिवहन के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। मानसून के करीब आने के साथ ही उत्तराखंड के मौसम के पैटर्न में बदलाव आएगा, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और बारिश बढ़ेगी। यात्रियों को बदलती परिस्थितियों के लिए सुरक्षा और तैयारी सुनिश्चित करते हुए तदनुसार योजना बनानी चाहिए।
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