Next Story
Newszop

IMF Meeting: आतंक की दुकान चलाने वाले कंगाल पाकिस्तान को मिला IMF से लोन, भारत ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा

Send Push
नई दिल्‍ली: भारत ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक्‍सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) लेंडिंग प्रोग्राम पर मतदान नहीं किया। आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1 अरब डॉलर के ईएफएफ लेंडिंग और 1.3 अरब डॉलर के नए लोन पर विचार किया। भारत ने पाकिस्तान में आईएमएफ कार्यक्रमों की प्रभावशीलता पर चिंता जताई। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लोन फाइनेंसिंग का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए कर सकता है। पाकिस्तान आईएमएफ से बार-बार कर्ज लेता रहा है। लेकिन, उसका रिकॉर्ड खराब रहा है। अगर पिछली सहायता सफल होती तो पाकिस्तान को फिर से कर्ज लेने की जरूरत नहीं होती। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना आर्थिक मामलों में दखल देती है। इससे सुधारों में रुकावट आ सकती है। यह बैठक पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन 'स‍िंंदूर' के बाद हुई है। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। आईएमएफ ने शुक्रवार को पाक‍िस्‍तान को 1.3 अरब डॉलर का नया लोन मंंजूर क‍िया है। भारत ने आईएमएफ के कार्यक्रम में पाकिस्तान को लेकर कई सवाल उठाए। उसने कहा कि पाकिस्तान 1989 से IMF से कर्ज ले रहा है। पिछले 35 सालों में 28 साल पाकिस्तान ने IMF से पैसा लिया है। 2019 से पिछले 5 सालों में पाकिस्तान ने IMF से 4 कार्यक्रम लिए हैं। भारत का कहना है कि अगर पहले के कार्यक्रम सफल होते तो पाकिस्तान को बार-बार IMF के पास नहीं जाना पड़ता। पाकिस्तान पर उठाए सवाल भारत ने कहा कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड बताता है कि या तो IMF के कार्यक्रम ठीक से नहीं बनाए गए या उनकी निगरानी ठीक से नहीं हुई या पाकिस्तान ने उन्हें ठीक से लागू नहीं किया। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना आर्थिक मामलों में दखल देती है। इससे सुधारों में रुकावट आ सकती है। भारत ने कहा कि भले ही अभी सिविल सरकार है, लेकिन सेना का राजनीति और अर्थव्यवस्था में बड़ा रोल है।भारत ने IMF की रिपोर्ट का हवाला दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को कर्ज देने में राजनीतिक बातों का ध्यान रखा जाता है। बार-बार कर्ज लेने से पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया है। इस वजह से IMF के लिए पाकिस्तान को फेल होने देना मुश्किल है। आतंक को बढ़ावा देने वालों को इनाम देना गलतभारत ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को इनाम देना गलत है। इससे दुनिया में गलत संदेश जाएगा। इससे फंडिंग करने वाली एजेंसियों और दानदाताओं की छवि खराब होगी। भारत ने कहा कि IMF जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से आने वाले पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया जा सकता है। कई देशों ने इस पर चिंता जताई है। लेकिन, IMF के नियम और प्रक्रियाएं ऐसी हैं कि वह कुछ नहीं कर सकता। भारत ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। वैश्विक वित्तीय संस्थानों को अपनी प्रक्रियाओं में नैतिक मूल्यों को भी शामिल करना चाहिए। IMF ने भारत के बयानों और मतदान से दूर रहने पर ध्यान दिया है।भारत ने कहा कि पाकिस्तान की सेना का अर्थव्यवस्था में बहुत दखल है। इससे नीतियां बदलने और सुधारों को रोकने का खतरा है। भले ही अभी सिविल सरकार है, लेकिन सेना का राजनीति में बड़ा रोल है। सेना अर्थव्यवस्था में भी गहराई तक घुसी हुई है। 2021 की UN की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना से जुड़े कारोबार पाकिस्तान में सबसे बड़े हैं। हालात सुधरे नहीं हैं। बल्कि पाकिस्तान की सेना अब स्पेशल इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन काउंसिल में भी बड़ी भूमिका निभा रही है।
Loving Newspoint? Download the app now