लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि संविधान पर हर तरफ से हमला किया जा रहा है और इसकी रक्षा की जानी चाहिए। राहुल गांधी ने शनिवार को मनुस्मृति को संविधान विरोधी पुस्तक करार दिया। झारखंड की राजधानी रांची के डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में आयोजित ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान और मनुस्मृति के बीच की लड़ाई वर्षों से चली आ रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान की किताब भले ही 1949-1950 में लिखी गई, लेकिन इसके पीछे की सोच हजारों साल पुरानी है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, बाबा साहेब अंबेडकर, बिरसा मुंडा, नारायण गुरु और बसावना जैसे महापुरुषों की सोच के आधार पर इसे रचा गया है। ऐसे महापुरुष और उनकी महान सोच नहीं होती तो संविधान की रचना ही नहीं होती। इसी सोच पर आज चौतरफा हमला हो रहा है। आज संविधान की रक्षा का सवाल सबसे बड़ा है।
केंद्र की सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान पर केवल नरेंद्र मोदी और अमित शाह नहीं, बल्कि उनके साथ कई लोग मिलकर आक्रमण कर रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि संविधान को खोखला और खत्म कर दिया जाए। लेकिन, हम यह होने नहीं देंगे।
जातीय जनगणना का संकल्प दोहराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि इस देश के 90 प्रतिशत लोगों का हक एक प्रतिशत लोग मिलकर छीन रहे हैं। 90 प्रतिशत लोगों का इतिहास मिटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम हर हाल में जातीय जनगणना कराएंगे और इसके साथ ही 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को खत्म करेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पूरी स्कूली शिक्षा हिन्दुस्तान में हुई है। स्कूलों के पाठ्यक्रम में आदिवासियों के बारे में एक पूरा चैप्टर तक नहीं है। इनके इतिहास, जीने के तौर-तरीकों, उनके विज्ञान, दर्शन और राजनीति का कहीं कोई जिक्र नहीं है। दलितों के बारे में सिर्फ एक लाइन है कि उनसे छुआछूत का व्यवहार होता है। इसी तरह ओबीसी, किसान, मजदूर, बढ़ई, नाई, मोची- इन तमाम लोगों का इतिहास कहीं लिखा ही नहीं गया है, जबकि हिन्दुस्तान में 90 प्रतिशत लोग यही हैं।
देश की अफसरशाही संरचना को भेदभावपूर्ण करार देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बड़े मंत्रालयों में दलित, आदिवासी और पिछड़े अफसर नहीं के बराबर हैं। आज अगर देश में 100 रुपये खर्च करने का निर्णय लिया जाता है, तो इसमें दलितों, पिछड़ों और आदिवासी अफसरों की हिस्सेदारी बेहद कम हैं। पिछड़े वर्ग के अफसर 10 प्रतिशत, दलित अफसर मात्र एक रुपये और आदिवासी अफसर मात्र 10 पैसा खर्च करने का निर्णय ले पाते हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी निर्वाचन आयोग, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और नौकरशाही को नियंत्रित करती है।
आज संविधान की रक्षा कौन करता है?
— Congress (@INCIndia) October 19, 2024
❌ मीडिया
❌ चुनाव आयोग
❌ CBI
❌ ED
❌ IT
इनमें से कोई नहीं, क्योंकि BJP सबको कंट्रोल करती है।
: नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi
📍 रांची, झारखंड pic.twitter.com/FZH5s7zODO
राहुल गांधी ने मीडिया, कॉरपोरेट वर्ल्ड, ज्यूडिशियरी, लीगल सिस्टम, ब्यूरोक्रेसी से लेकर बॉलीवुड तक में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की बेहद कम भागीदारी का सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें उनका हक और हिस्से से दूर रखा गया है।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ये लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं। इसके पीछे इनकी सोच है कि आदिवासी को उनके हक से वंचित रखा जाए। आदिवासी वे हैं, जो इस धरती पर सबसे पहले आए। संसाधनों पर सबसे पहला हक उनका है। लेकिन वनवासी कहकर उन्हें सिर्फ जंगल में रहने वाला बताया जा रहा है।
जब BJP के लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं।
— Congress (@INCIndia) October 19, 2024
तब वे आपके इतिहास, आपके जीने के तरीके को खत्म करने की कोशिश करते हैं।
आदिवासी का मतलब है: देश के सबसे पहले मालिक
आदिवासी सिर्फ एक शब्द नहीं हैं, बल्कि आपका पूरा इतिहास है।
: नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi
📍 रांची, झारखंड pic.twitter.com/9vVbptxwrJ
उन्होंने बीजेपी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पार्लियामेंट और राम मंदिर के उद्घाटन से दूर रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से आती हैं।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ
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