छतरपुर, 27 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के निर्वासन की प्रक्रिया तेज कर दी है.
केंद्र सरकार के निर्देश पर कई राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते भारत ने कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें वीजा रद्द करना और सीमा बंद करना शामिल है.
मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के राज्य मंत्री लखन पटेल ने छतरपुर में कहा, “सभी जगह पाकिस्तानी नागरिकों को चिह्नित किया जा रहा है. आपने देखा होगा कि विभिन्न स्थानों से उन्हें पकड़कर निर्वासित किया जा रहा है.”
उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को सभी अल्पकालिक वीजा रद्द कर दिए गए, और 29 अप्रैल तक मेडिकल वीजा धारकों को भी देश छोड़ना होगा.
पटेल ने कहा, “अब जो भी अवैध रूप से पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी. सभी मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं, और राज्य सरकारें इस पर तेजी से काम कर रही हैं. सभी जगहों पर नजर रखी जा रही है, और हर जगह कार्रवाई की जा रही है.”
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, अटारी-वाघा सीमा चौकी बंद कर दी, और पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों को निष्कासित किया.
केंद्र सरकार ने 48 घंटे के भीतर सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था. इसके तहत, 272 पाकिस्तानी नागरिक पिछले दो दिनों में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते वापस लौट चुके हैं, और रविवार को और सैकड़ों के लौटने की उम्मीद है.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ी सजा दी जाएगी.
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एकेएस/
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