नई दिल्ली, 20 अप्रैल . महज 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सबसे कम उम्र में खेलने का रिकॉर्ड बना दिया है. राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने सिर्फ 20 गेंदों में 34 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिससे सभी चकित रह गए.
हालांकि उनकी यह शानदार पारी टीम को जीत नहीं दिला सकी और लखनऊ सुपरजाएंट्स से दो रन से हार मिली, लेकिन पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स ने एक नया सितारा खोज निकाला है.
मांजरेकर ने जियोहॉटस्टार पर कहा, “सोचिए, जब 35-40 की उम्र के माता-पिता टीवी पर एक 14 साल के बच्चे को ऐसा खेलते देखते हैं, तो कितना आश्चर्य होता है. उसके पहले दो छक्के बेहतरीन गेंदों पर आए, और फिर उसने स्पिनरों के खिलाफ बहुत समझदारी दिखाई. जब वह आउट हुआ, तो ऐसा लगा जैसे रो देगा क्योंकि उस उम्र में ऐसा महसूस करना बिल्कुल स्वाभाविक है. राजस्थान रॉयल्स ने उस पर भरोसा किया और उसे ओपनिंग का मौका दिया, यह बहुत बड़ी बात है.”
बिहार के समस्तीपुर से आने वाले वैभव ने आईपीएल की शुरुआत ही जबरदस्त अंदाज में की. पहली गेंद पर शार्दुल ठाकुर को इनसाइड-आउट शॉट खेलकर छक्का मारा और फिर आवेश खान को सीधा मैदान के बीचों-बीच एक और शानदार छक्का लगाया. उन्होंने तीन और चौके भी लगाए, लेकिन नौवें ओवर में एडन मार्करम की गेंद को पढ़ नहीं पाए और स्टंप हो गए.
पूर्व भारतीय खिलाड़ी अजय जडेजा ने वैभव की समझदारी और खेल के प्रति सोच की तारीफ की. उन्होंने कहा, “इन 20 गेंदों में वैभव ने सब कुछ दिखा दिया. पहली गेंद पर निडरता, फिर धीरे-धीरे पारी को संभालना. 14 साल की उम्र में इतने बड़े मंच पर खेलना ही बड़ी बात है, और उस पर 30 से अधिक रन बनाना कमाल है. आउट होने के बाद वह बहुत उदास था. लेकिन जिस तरह वह जल्दी ही भावनाओं पर काबू पाकर टीम के साथ वापस आ गया, वह काबिल-ए-तारीफ है. यही बात उसे आगे बहुत आगे ले जाएगी.”
वैभव को यह मौका इसलिए मिला क्योंकि नियमित कप्तान संजू सैमसन पेट में खिंचाव के कारण यह मैच नहीं खेल सके. राजस्थान रॉयल्स के स्पिन कोच साईराज बहुतुले ने कहा, “वैभव नेट्स में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, उसकी तैयारी भी अच्छी थी. संजू की कमी थी, लेकिन वैभव ने मौका अच्छे से भुनाया. वह बहुत समझदार बच्चा है, और खेल को लेकर उसका रवैया बहुत सकारात्मक है. वह हर दिशा में शॉट खेल सकता है. वह निडर और आत्मविश्वास से भरा हुआ है. उम्र चाहे कम हो, लेकिन उसका खेलने का अंदाज बहुत दमदार है. वह बस गेंद देखता है और मारने का मन बना लेता है. यही उसकी ताकत है.”
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