गुमी (दक्षिण कोरिया), 31 मई . भाला फेंक खिलाड़ी सचिन यादव ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय इवेंट में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक, जबकि धावक अनिमेष कुजूर ने कांस्य पदक जीता. भारतीय एथलीटों ने कड़ी मेहनत की और दक्षिण कोरियाई शहर गुमी में शनिवार को 26वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अंतिम दिन अच्छा प्रदर्शन किया.
उनके प्रयासों से भारत के कुल पदकों की संख्या 24 हो गई, जिससे देश चीन के बाद अंतिम स्टैंडिंग में दूसरे स्थान पर रहा.
24 पदकों में से आठ स्वर्ण, 10 रजत और छह कांस्य पदक हैं. चीन 15 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य पदक सहित 26 पदकों के साथ तालिका में शीर्ष पर रहा. जापान 24 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा, जिनमें से चार स्वर्ण पदक थे.
महाद्वीपीय प्रतियोगिता के अंतिम दिन सभी की निगाहें पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा पर टिकी थीं. सचिन यादव ने अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर 85.16 मीटर का व्यक्तिगत और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम (86.40 मीटर) के पीछे रजत पदक जीता.
13 से 21 सितंबर को होने वाली टोक्यो विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए 85.50 मीटर के स्वत: योग्यता अंक से चूकने पर यादव ने कहा कि एशियाई चैंपियनशिप सीखने का अच्छा अनुभव है और वह अपनी अगली प्रतियोगिता के लिए योजना बनाने के लिए वापस आएंगे.
यादव ने कहा, “टखने और कंधे की चोट के कारण मैं महत्वपूर्ण प्रशिक्षण सत्रों से चूक गया, जिससे एशियाई मीट के लिए मेरी तैयारी में बाधा आई.मुझे अपनी अगली प्रतियोगिता में विश्व चैंपियनशिप के लिए टिकट अर्जित करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आने वाले हफ्तों में खोई हुई जमीन वापस पाने में सक्षम होना चाहिए.” यादव ने कहा कि वह अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय मीट में अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे.
एशियाई रजत पदक विजेता ने कहा, “मैं हमेशा प्रतियोगिता के दौरान अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करता हूं और अन्य प्रतियोगियों के परिणामों को नहीं देखता.” इससे पहले फरवरी में उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में यादव ने 84.39 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता था.
अंतिम दिन अनिमेष कुजूर ने पुरुषों की 200 मीटर दौड़ में भी शानदार प्रदर्शन किया. चीनी धावक की गलत शुरुआत ने भारतीय धावक की 200 मीटर में पदक जीतने की रणनीति को प्रभावित नहीं किया.
कांस्य जीतने के अपने सफर में कुजूर ने 20.32 सेकंड का समय निकालकर अप्रैल में कोच्चि में घरेलू मीट में बनाए गए 20.40 सेकंड के अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर बनाया. रेस के बाद बातचीत में कुजूर ने कहा, “शुरुआत इतनी अच्छी नहीं थी. लेकिन अच्छी कर्व रनिंग ने मुझे एशियाई मीट में पदक जीतने में सक्षम बनाया.”
श्रबानी नंदा, एसएस स्नेहा, अभिनय राजराजन और नित्या गंधे की भारतीय चौकड़ी ने महिलाओं की 4×100 मीटर रिले में 43.86 सेकंड का समय लेकर रजत पदक जीता. चीन ने स्वर्ण जीता जबकि थाईलैंड ने कांस्य पदक जीता.
डिस्टेंस रनर पारुल चौधरी ने शनिवार को अपनी झोली में दूसरा रजत पदक डाला. महिलाओं की 3,000 मीटर स्टीपलचेज में रजत जीतने वाली पारुल ने शनिवार को 5000 मीटर में रजत पदक अपने खाते में डाला. मध्यम दूरी की धावक पूजा ने भी 800 मीटर में कांस्य पदक अपने खाते में डाला. उन्होंने प्रतियोगिता में 1500 मीटर में रजत पदक जीता था. विथ्या रामराज ने भी महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में कांस्य पदक जीता. उन्होंने 56.46 सेकंड का समय निकाला. हालांकि, ज्योति याराजी और निथ्या गंधे महिलाओं की 200 मीटर में पदक जीतने में सफल नहीं रहीं.
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आरआर/
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