इस्लामाबाद, 20 अप्रैल . कराची में एक शख्स ने अपने दर्जी के खिलाफ अदालत का रुख किया है. दर्जी पर आरोप है कि उसने पारिवारिक समारोह के लिए दिए गए ऑर्डर को समय पर पूरा नहीं किया. शिकायतकर्ता ने मुआवजे की मांग की है.
‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, मामला एक उपभोक्ता संरक्षण अदालत दर्ज किया गया है.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसने अपने भाई की सगाई के लिए फैंसी पोशाक सिलने के लिए दर्जी को कपड़ा दिया था. दर्जी ने कई बार कपड़े तैयार करने का वादा किया और वह खुद भी बार-बार दुकान पर गया लेकिन उसका काम नहीं किया गया.
कराची निवासी, [जिसका नाम नहीं बताया गया], ने 1,00,000 रुपए का हर्जाना मांगा है, जिसमें अधूरे वादे के लिए 50,000 रुपए और काम पूरा न होने के कारण हुई मानसिक पीड़ा के लिए अतिरिक्त 50,000 रुपए का मुआवजा शामिल है. उसका यह भी कहना है कि दर्जी के काम न करने के वजह से उसे समारोह के लिए वैकल्पिक पोशाक खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा.
मामले के विवरण के अनुसार, शिकायतकर्ता ने दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में तीन अलग-अलग मौकों पर बलूची कढ़ाई के काम के लिए दर्जी को कपड़ा दिया और अग्रिम भुगतान भी किया.
दर्जी ने वादा किया कि सिले हुए कपड़े 20 फरवरी से पहले ही पहुंचा दिए जाएंगे – जिस दिन उस व्यक्ति के भाई की सगाई होनी थी.
हालांकि, कई बार दुकान पर जाने के बावजूद शिकायतकर्ता को ऑर्डर समय पर नहीं मिल सका. जब वह 10 फरवरी को कपड़े लेने गया तो दर्जी ने कहा कि काम नहीं हो सकता और उसने मजदूरों की अनुपलब्धता का हवाला दिया.
यह सुनिश्चित करने के लिए कि काम ठीक से हो रहा है, शिकायतकर्ता दर्जी के पास रोजाना जाने लगा लेकिन उसे एहसास हुआ कि कपड़े अभी भी अछूते हैं, नतीजतन उसे पारिवारिक समारोह के लिए नया कपड़ा खरीदने पर अधिक पैसे खर्च करने पड़े.
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एमके/
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