कोलकाता, 20 अप्रैल . पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने शनिवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और ममता बनर्जी के नेतृत्व में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. उनके इस बयान का बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी समर्थन किया है.
दिलीप घोष ने से बातचीत में कहा कि बहुत लोग यह बात बोल रहे हैं कि अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए. ममता बनर्जी की सरकार राज्य को संभालने में पूरी तरह विफल रही है. जब तक राष्ट्रपति शासन नहीं लगेगा, तब तक न लोगों की जान सुरक्षित रहेगी और न ही बंगाल में किसी तरह का सकारात्मक परिवर्तन संभव है.
घोष ने कहा कि वह गुंडों और हथियारों के बल पर चुनाव जीतने की तैयारी कर रही हैं, जो कि बंगाल के लिए अत्यंत घातक है. ममता सरकार कोई ठोस काम नहीं कर रही है और जब भी कोई गंभीर मामला सामने आता है, वह उसका दोष किसी और पर थोप देती हैं.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अब तक की सबसे निकम्मी मुख्यमंत्री साबित हुई हैं और उनके शासनकाल में बंगाल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जब राज्य में दंगे और हिंसा होती है तो पुलिस नदारद रहती है. दंगाइयों को पकड़ने के लिए पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती और बाहर आकर झूठे बयान देती है.
घोष ने यह भी कहा कि आज जब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, तो ममता सरकार उनके काम में भी अड़चन डाल रही है. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार बीएसएफ की तैनाती बढ़ाए ताकि सीमावर्ती इलाकों में शांति और सुरक्षा बनी रहे. उन्होंने कहा कि जब अन्य राज्यों में राष्ट्रपति शासन लग सकता है, तो बंगाल में क्यों नहीं? अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार सख्त कदम उठाए.
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पीएसएम/केआर
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