Benefits Of Bathua: शरीर पर गांठ होने के कई कारण हो सकते हैं और यह समस्या गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों की ओर संकेत कर सकती है। जानकारों का मानना है कि शरीर के किसी भी भाग पर हुई गांठ को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
आधुनिक चिकित्सा में इसका उपचार करना संभव है, लेकिन इसमें बड़ा खर्च शामिल हो सकता है। राहत की बात यह है कि आयुर्वेद के जरिए इस समस्या का समाधान सरलता से किया जा सकता है।
आयुर्वेद में बथुआ का महत्वपतंजलि आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे, जो पिछले 40 वर्षों से आयुर्वेद क्षेत्र में कार्यरत हैं, बताते हैं कि सर्दियों में मिलने वाला बथुआ नामक साग शरीर की कई समस्याओं के निवारण में सक्षम है। बथुआ पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें मुख्य रूप से विटामिन A, C, K, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं।
गांठ की समस्या का समाधानआयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे के अनुसार, बथुआ का नियमित सेवन शरीर की गांठ जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। बथुआ का साग शरीर के लिए औषधीय गुणों से भरपूर है, जो गांठ के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी ठीक करता है।
पथरी के लिए बथुआ का उपयोगपथरी की समस्या के समाधान के लिए बथुआ का पानी बेहद प्रभावी माना जाता है। इसके लिए बथुआ को उबालकर उसका पानी छान लें और उसमें गुड़ मिलाकर सेवन करें। नियमित रूप से इसका सेवन करने से पथरी की समस्या में राहत मिलती है।
पाचन के लिए बथुआबथुआ का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। साग को उबालकर उसके पानी में हल्का नमक मिलाकर पीने से कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
बथुआ के अन्य लाभ
सर्दियों में बथुआ का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। यह न केवल शरीर को पोषण प्रदान करता है, बल्कि कई गंभीर समस्याओं का समाधान भी करता है। आयुर्वेद के अनुसार, इसे अपने आहार में शामिल कर शरीर को स्वस्थ और निरोग बनाया जा सकता है। गांठ, पथरी और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए बथुआ का उपयोग सरल, सस्ता और प्रभावी उपाय है। इसलिए, इसे सर्दियों के आहार में अवश्य शामिल करें और इसके अद्भुत लाभों का आनंद लें।
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