भारतीय यूट्यूबर मिथिलेश बैकपैकर और उनकी रूसी पत्नी लीसा का राजस्थान का दौरा एक अप्रिय अनुभव में बदल गया। वे अपने दो वर्षीय बेटे के साथ उदयपुर के सिटी पैलेस में घूमने गए थे, जहां एक अजनबी ने अपमानजनक टिप्पणी की, जिससे उनकी यात्रा का आनंद खराब हो गया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिसके बाद मिथिलेश ने अपनी नाराजगी और निराशा व्यक्त की।
घटना की शुरुआत
मिथिलेश, अपनी पत्नी और बेटे के साथ उदयपुर में घूम रहे थे। इस दौरान, उन्होंने एक वीडियो बनाया जिसमें वे अपनी पत्नी के साथ कुछ खास लम्हे कैद कर रहे थे। अचानक, एक व्यक्ति ने "6000 रुपये" कहते हुए टिप्पणी की, जो एक अश्लील मजाक के रूप में जाना जाता है। यह टिप्पणी उनके लिए बेहद अपमानजनक थी, खासकर क्योंकि उनकी पत्नी विदेशी थीं। मिथिलेश ने तुरंत इसका विरोध किया और उस व्यक्ति से पूछा कि वह किसे यह कह रहा था।
मिथिलेश की प्रतिक्रिया
वीडियो में स्पष्ट है कि मिथिलेश ने गुस्से में आकर उस व्यक्ति को चेतावनी दी कि वह पुलिस को बुलाने वाला है। उन्होंने कहा, "6000 रुपये किसके लिए बोल रहा था? क्या मेरी पत्नी रूसी है तो तुम ऐसे टिप्पणियां करोगे?" उनका गुस्सा पूरी तरह से उचित था, क्योंकि एक विदेशी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल अपमानजनक था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।
सुरक्षा कर्मियों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद, मिथिलेश ने सिटी पैलेस के सुरक्षा कर्मियों को बुलाया, लेकिन उन्होंने पुलिस से बचने की सलाह दी और मामले को बिना रिपोर्ट किए सुलझाने का प्रयास किया। इससे मिथिलेश और उनकी पत्नी और भी निराश हो गए। उन्होंने इस अनुभव को अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत में महिलाओं और विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठाया।
मिथिलेश का गुस्सा और निराशा
मिथिलेश ने अपनी वीडियो में कहा कि इस घटना ने उन्हें गहरे आहत किया। उन्होंने कहा, "मैं अपनी पत्नी के साथ था। हम भारत को एक सुरक्षित और सुंदर स्थान के रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे, लेकिन जब इस तरह की घटना हो तो मैं क्या कर सकता हूँ? यह बहुत शर्मनाक था।" उन्होंने इसे अपने व्यक्तिगत अहंकार और भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा मानते हुए कहा कि भारत में ऐसी घटनाएं न केवल विदेशी पर्यटकों के लिए, बल्कि भारतीय महिलाओं के लिए भी खतरे की घंटी हैं।
भारत में ऐसे मामलों का बढ़ता हुआ सिलसिला
यह घटना अकेली नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई विदेशी पर्यटकों के साथ इसी तरह की समस्याएं सामने आई हैं। 2018 में एक बेल्जियम की महिला पर्यटक को दिल्ली में केवल 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने पर मजबूर किया गया था। उसे गुमराह कर होटल की बुकिंग रद्द करने का झूठा दावा किया गया और उसे एक महंगे और असुरक्षित होटल में जाने की सलाह दी गई थी। इसके अलावा, जयपुर में एक और घटना में एक ऑटो ड्राइवर ने विदेशी महिला पर्यटक के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसके खिलाफ शहर में भारी विरोध हुआ था.
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि भारत में सुरक्षा और संस्कृति को लेकर गंभीर समस्याएं हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि महिलाओं, विशेषकर विदेशी पर्यटकों, के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल अपराध है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ भी है।
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