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गुजरात के शहीद के माता-पिता बने जुड़वां बच्चों के अभिभावक

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गुजरात के शहीद नीरव सिंह चौहान की कहानी

अहमदाबाद: दो साल पहले, गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के निवासी नीरव सिंह चौहान, जो भारतीय वायुसेना में कार्यरत थे, ने चेन्नई में ड्यूटी के दौरान आत्महत्या कर ली। उनके माता-पिता पर इस दुखद घटना का गहरा असर पड़ा, क्योंकि वे अपने इकलौते बेटे को खो चुके थे। लेकिन 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर, लगभग 28 महीने बाद, शहीद नीरव सिंह के माता-पिता ने जुड़वां बेटों के अभिभावक बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।


गांव में खुशी का माहौल

गांव में शहीद नीरव सिंह के पिता के घर जुड़वां बच्चों के जन्म पर जश्न मनाया गया। स्थानीय लोगों ने मिठाई बांटी और खुशी का इजहार किया। कोडिनार तहसील के पूर्व पालिका प्रमुख शीवाभाई सोलंकी ने बताया कि यह संभव हुआ क्योंकि इलाके में आईवीएफ हॉस्पिटल चलाने वाली श्वेता बेन वाला ने इस दंपती को IVF के लिए प्रेरित किया।


एक बेटे की जगह दो मिले

श्वेताबेन वाला ने कहा कि जुड़वां बच्चों के जन्म पर उन्हें खुशी है। उन्होंने बताया कि परिवार के पास पहले केवल एक बेटा था, जो अब नहीं रहा। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि आईवीएफ की मदद से चौहान परिवार को एक नहीं, बल्कि दो बेटे मिले हैं।" यह परिवार अब फिर से खुशियों से भर गया है।


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