सोने की कीमतों के संदर्भ में एक प्रमुख खनन कंपनी ने अनुमान लगाया है कि भारत में सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से गिरकर 70,000 रुपये तक पहुंच सकती हैं। इसका मतलब है कि सोना लगभग 27,000 रुपये सस्ता हो सकता है। इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन पहले यह जानना जरूरी है कि अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना निवेशकों के लिए कितना लाभकारी होता है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में अक्षय तृतीया पर खरीदे गए सोने ने निवेशकों को तीन गुना लाभ दिया है।
कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि
वर्ष 2014 में अक्षय तृतीया के अवसर पर 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹30,000 प्रति 10 ग्राम थी, जो अब 2025 में बढ़कर ₹95,900 प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह वृद्धि तीन गुना से अधिक है। इस अवधि में दो बार सोने ने एक साल में 30 प्रतिशत से अधिक का लाभ दिया है, जिसमें कोरोना काल में 47 प्रतिशत का मुनाफा शामिल है।
सोने की मांग में कमी
बढ़ती कीमतों के कारण सोने की मांग में कमी देखी जा रही है। हर साल अक्षय तृतीया से पहले सर्राफा कारोबारियों को सोने के आभूषणों और सिक्कों के ऑर्डर मिलते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है।
छोटी मात्रा में खरीदारी: सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि जो ग्राहक हर साल सोना खरीदते थे, उन्होंने अब छोटी मात्रा में खरीदारी करने का निर्णय लिया है। पहले 10 ग्राम के सिक्के खरीदने वाले ग्राहक अब केवल 2 ग्राम के सिक्के मांग रहे हैं। सोमवार को सोने की कीमत प्रति सौ ग्राम 99,400 रुपये रही।
एक साल में 32 प्रतिशत का लाभ
पिछले साल अक्षय तृतीया (10 मई 2024) पर 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 72,727 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब अप्रैल 2025 में 98,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई है। इसका मतलब है कि एक साल में सोने ने निवेशकों को लगभग 32% का लाभ दिया है, जो पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में काफी आकर्षक है।
भविष्य में उतार-चढ़ाव की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव और ट्रंप के टैरिफ सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीतियों का भी प्रभाव है। यदि वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ता है, तो सोने की कीमतें एक साल के भीतर सवा लाख रुपये तक पहुंच सकती हैं।
सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना
सोने के खनन में लगी एक प्रमुख कंपनी सॉलिडकोर रिसोर्सेज पीएलसी ने कहा है कि यदि व्यापार तनाव कम होता है, तो अगले 12 महीनों में सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है। कंपनी का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमत 2500 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती है, जबकि वर्तमान में यह 3300 डॉलर से ऊपर है। यदि ऐसा होता है, तो भारत में सोने की कीमत 70,000 रुपये तक पहुंच सकती है।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश में वृद्धि
सोने की बढ़ती कीमतों के कारण निवेशक अब गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। इक्रा एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश सालाना आधार पर 98.54 प्रतिशत बढ़कर 1,979.84 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 997.21 करोड़ रुपये था।
लॉन्ग टर्म निवेश की योजना बनाएं
एचडीएफसी के कमोडिटी और करंसी विभाग के प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, सोने की कीमतों में आगे उतार-चढ़ाव की संभावना है। ऐसे में निवेशकों को अपने जोखिम के अनुसार निवेश योजना बनानी चाहिए। उन्हें छोटी अवधि के बजाय लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान देना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिनमें छोटी राशि से भी निवेश किया जा सकता है।
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